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आरती श्री गणेश जी

नित्य स्मरण करें श्री गणेश जी के चोंदह नाम

विनायक, गजानन, गणेश, लम्बोदर, एकदंत, वक्रदन्त, विघ्नराज, भालचंद्र, गणाधिप, विकट, हेरंब, कृष्णपिंगाक्ष, आखुरघ, गोंरीपुत्र

गणेश जी की आरती

जय जय गणेश ,जय जय गणेश ,जय गणेश देवा !
माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा !!
लडूअन के भोग लगे , संत करें सेवा !जय
एक, दन्त दयावंत, चार भुजाधारी !
मस्तक सिंदूर सोहे , मूसे की सवारी !!जय
अंधन को आंख देत , कोडिन को काया !
वांझन को पुत्र देत , निर्धन को माया !!जय
हार चढ़े , पुष्प चढ़े , ओर चढ़े मेवा !
सब काम सिद्ध करें , श्री गणेश देवा !!
जय गणेश, जय गणेश ,जय गणेश देवा !
माता जाकी पार्वती , पिता महादेवा !!
विघ्न विनाशक स्वामी , सुख सम्पति देवा !!जय
पार्वती के पुत्र कहावो ,शंकर सुत स्वामी !
गजानन्द गणनायक , भक्तन के स्वामी !!जय
ऋद्धि सिद्धि के मालिक मूसक सवारी !
कर जोड़े विनती करते आनन्द उर भारी !!
प्रथम आपको पूजत शुभ मंगल दाता !
सिद्धि होय सब कारज ,दारिद्र हट जाता !!जय
सुंड सुंडला, इन्द इन्दाला ,मस्तक पर चंदा !
कारज सिद्धि करावो ,काटो सब फन्दा !!जय
गणपत जी की आरती जो कोई नर गावे !
तब बैकुंठ परम पद निष्चय ही पावे !!जय
गणेश जी के सिद्ध मंत्र

सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए

गं गणपतये नमः

इस मंत्र का जाप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है !

आर्थिक प्रगति के लिए

वक्र तुंडाय हुम

षडाक्षर मन्त्र का जप आर्थिक प्रगति व समर्द्धि प्रदायक है !

अक्षय भंडार के लिए

हस्ति पिशाच लिखे स्वाहा

किसी के द्वारा नेष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए ,विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए उच्छिशट गणपति की साधना करना चाहिए ! इनका जप करते समय मुंह में गुड ,लोंग,इलायची ,पताशा ,ताम्बुल ,सुपारी, होना चाहिए ! यह साधना अक्षय भंडार प्रदान करने वाली है ! इसमे पवित्रता -अपवित्रता का विशेस बंधन नहीं है!

कलह , विघ्न शांत करने के लिए

गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः

आलस्य ,निराशा ,कलह ,विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपे

आत्मबल के लिए

गं नमः

विघ्न को दूर करके धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्ब गणपति का मंत्र जपें

रोजगार प्राप्ति के लिए

श्री गं सोभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा !

रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करें

विवाह में देरी के लिए

वक्र तुडडैक दंषटाय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा !

विवाह में आने वाले दोषों को दूर करने वालों को त्रेलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवन साथी की प्राप्ति होती है